" The Sushant Singh Rajput "
जाने से पहले इस दुनिया से.........
कहा होगा तुमने भी माँ से..........
आ रहा हूँ पास तुम्हारे , छोड़कर सबकुछ ......
लगाई होगी फटकार माँ ने भी,तुम्हे पहली दफा,यह सुनकर...
और कहा होगा.......
कौन रखेगा,पापा का ख्याल,बहनों का ध्यान.......
यह सुनकर एक बार तो रूक जाते तुम.......
यूँ ना जाते छोडक़र हमे तुम.........
अब कौन "मानव देशमुख " ,"पवित्र रिश्ता " ,तुम्हारा और हमारा निभाएगा ......
अब कौन "ईशान सर " ,"अली "को क्रिकेट सिखाएगा ........
अब कौन "शुद्ध देसी रोमांस "की नई परिभाषा लिखेगा ........
अब कौन "सरफराज "की तरह "जग्गू " का इंतज़ार करेगा.....
अब कौन "Detective Byomkesh Bakshi "जैसा निडर और जाबाज़ बनेगा .......
अब कौन तुम -सा "धोनी "का किरदार निभाएगा .........
अब कौन मुस्कुराहट के साथ सबसे "राब्ता "रखना सिखाएगा .......
अब कौन " मंसूर "हमेशा के लिए " केदारनाथ " का हो जाएगा ........
अब कौन "लखन सिंह "अपनी "सोनचिडिया " के लिए बागी बनेगा.......
अब कौन "अनिरुद्ध पाठक " " छिछोरे " बनकर सबको जीना सिखाएगा ........
अब कौन " समर " तुम-सी "ड्राइव " करेगा ........
अब कौन " Manny " " दिल बेचारा " लेकर कैंसर से जीतना सिखाएगा ......
अब कौन हमें हमारा "गुलशन " हमारा "सुशांत " लौटाएगा..........
अब कौन तुम-सा प्यार " quantum physics " को करेगा.....
अब कौन उस " telescope " से तारों की दुनिया से बातचीत करेगा..
अब कौन " fudge " से बेटे की तरह प्यार करेगा.....
अब कौन उन "पचासों सपनों "को पूरा करेगा ........
अब कौन हमें "तुम -सा " यूँ प्यार करेगा........
चलें गए तुम अब उन तारों की दुनिया में .......
जिनको ताका करतें थे तुम यहाँ से .......
एक बार तो लौट आओ ........
अपने लिये ना सही अपनो के लिए लौट आओ.....
लौट आओ .....लौट आओ.... लौट आओ........
एक बार फिर चार बहनों और एक पिता की ..........
आखिरी उम्मीद बनकर लौट आओ........
सोचा ना था तुम भी यूँ चले जाओगे हमें छोड़कर .......
एक बार तो देख लेते हाल हमारा पीछे मुड़कर ......
जिस हाथ ने नहीं छोडा हाथ तुम्हारा कभी........
उस हाथ के लिए लौट आओ अभी.........
लौट आओ उन यारों के लिए .......
जो खड़े रहे हर मोड़ पर तुम्हारे लिए ........
लौट आओ.....लौट आओ.....लौट आओ.......
जब मिले होगे तुम उस लोक में जाकर माँ से .......
देखकर तुझे वहाँ एक बार तो नाराज हुई होगी माँ तुम से.......
खडी होगी पीठ कर तुमसे ......
ना की होगी कोई बात तुमसे .......
पर देखकर सुशांत के मुस्कुराते चेहरे के पीछे ........
छिपे अपने उदास गुलशन को.......
लगा लिया होगा सीने से चूमकर माथे को......
सुनाकर लोरी सुला दिया होगा माँ ने .....
अपने गुलशन ......अपने चाँद .... अपने सुशांत को .....
सो रहा है सालों का जगा हुआ......
माँ की गोद में आराम से......
_._m.e.r.a.k.i_._
Written By:- Minakshi Yadav
So well written 🤩😍
ReplyDeleteThank you 😊
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